शायरी,गज़ल, कविता,कहानी,poetry writing
क्या याद नहीं तुमको , वो गुजरा ज़माना ,
वो बाते मोहब्बत की, वो अपना अफ़साना,
आँखों ही आँखों मे दिन यूँ गुज़रते थे ,
लब कुछ कहने को रुकते थे, सम्हलते थे ,
वो आहों की गर्मी, वो ख्वाबों में बिखर जाना,