शायरी,गज़ल, कविता,कहानी,poetry writing
इस अंदाज से आँखे मिलाकर, पलकें झुका ली उसने,
हम बेजान से रह गए, रुह बाकी थी वो भी चुरा ली उसने,
दीदार को उसके नयन,भटकते रहे दर-बदर,
एक निशानी थी उसकी,वो भी छुपा ली उसने,