रविवार, 27 अगस्त 2023

भौतिक जगत

भौतिक जगत में उतर आए,

क्यों तुम प्रसिद्धि के पंख लगा कर? 

लौट चलो प्रकृति की तरफ,

पावन, सुलभ चरण बढ़ाकर। 

अलौकिक सौंदर्य खोज रहा,

तुम्हें पलकें बिछाकर। 

खो जाओ तुम भी उसमें, 

जीवन की चाह भुला कर।

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

तेरे शहर में...

मुहब्बत का पैगाम पसंद है,

तेरे शहर में,

आज-कल हवा कुछ बदली बदली है,

शायद...

अफवाहों का बाजार गर्म है,

तेरे शहर में,


कुछ मेहमां आए थे चंद रोज़ के लिए,

जाते ही नहीं...