मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

धरती पुत्र

                                                             

कल धरती माँ रोई होगी,

पलकें यूँ  भिगोई होगी।                       

देख अपने पुत्र की हालत,

जाने कैसे सोई होगी  ।          

सियासत का जब जोर चला,

अंधियारो का फिर शोर चला।      

शोषण की जब सरकार हुई ,

चाहु ओर हाहाकार हुई।

ग़र हक की माँगो , खाओ लाठी ,

क्यूँ व्यवस्था इतनी लाचार हुई।

जब लाठी चली बुजुर्ग के पैरो पर,

बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

दर्जे दसवें ब्याह हो गया

दर्जे दसवें ब्याह हो गया ,
खुशियाँ  धरी रही सारी।

डिबिया जलाती थी आँगन मे ,
डिबियाँ बुझी रही सारी।
गुड़िया संग खेलती वो तो ,
गुड़ियाँ धरी रही सारी।

सोमवार, 22 अक्तूबर 2018

महफ़िल मे नाम ना उछालो यूँ

महफ़िल मे नाम ना उछालो यूँ ,
इसां हूँ ,इसां ही रहने दो , 
शोहरत अकेला कर देती ,
गुमनाम हूँ ,गुमनाम ही रहने दो ,

छलकता मय का प्याला ,
छींटे उड़ा ना गैरो पर ,

शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2018

ख्वाबों की दुनिया मे रहता हूँ

ख्वाबों की दुनिया मे रहता  हूँ ,
आओ तुम्हें  कुछ ख्वाब उधारी  दे दूँ ,
चमक जाए चेहरे पर ख़ुशी  की लाली ,
ऐसी एक खुमारी दे दूँ ,
ये जो चाँद है •••

शनिवार, 13 अक्तूबर 2018

बिरहा की अग्नि मे जलता मेरा मन


बिरहा की अग्नि मे जलता मेरा मन ,
ये ना बुझी है , ये ना बुझेगी ,
सांसो की लड़ियाँ जो टूटी सी है ,
ये ना जुडी है ये न जुड़ेगी ,

बुधवार, 10 अक्तूबर 2018

मक़ाम-ए-इश्क़


इश्क़ मे देखते - देखते क्या मक़ाम आया ,
बैठे थे सजदे मे ,और जुबां पर तेरा नाम आया,
यूँ तो मरने की चाह ना थी मेरी,
देख तेरे हाथों में खंजर ,मरने का हसीं ख्याल आया,

शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

खाली तस्वीरे

चमक बिखरी है महफिल मे,
चाँद सितारे  दामन मे बिखरे क्या ?
गज़ब अंदाज है अदाओ मे,
सीधे जन्नत से उतरे क्या ?
अजब सा दर्द है सीने मे,
सीधे दिल से गुजरे क्या ?