सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

अज़ब हालात है मेरे

अज़ब हालात है मेरे ,
कि हालत बेजुबानी है,
मुस्कुराहट है चेहरे पर , 
तो आँखों मे क्यूँ पानी है ?

रिमझिम ये जो सावन की , 
बरसता ये जो पानी है,
बादल यूँ जो है ग़रजे ,

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

नारी तेरी यही कहानी


हाय नारी तेरी यही कहानी ,
चेहरे पर हँसी नयनो मे पानी,   
कर करे सहज ही वंदन ,
हृदय में टीस उठे ,
हिया करे करुण क्रंदन,

सोमवार, 24 सितंबर 2018

झील के किनारे


मैं जा रहा था
उस दिन शाम के समय टहलता ,
कुछ सोचता हुआ ,
उस झील के किनारे -किनारे,
सोच रहा था,
जिंदगी के फलसफे के बारे मे,

जो अपनी इच्छा से नचाता है
इंसान को  कठपुतली बनाता है ,
कभी  हसाता है , 
कभी रुलाता है ,

शनिवार, 22 सितंबर 2018

ग़र अज़ीज हो मेरे



रात घटाए आई थी घिर कर ,
हवाओं  मे अजब शोर था,
वो आकर लौट गए दर से मेरे ,
हम समझे के कोई और था ,
अफसाना बन भी जाता कोई,
कुछ मेरी बेख्याली ,
कुछ शायद रुसवाई का दौर था।

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

ग़र हो इजाजत

ग़र हो इजाजत तो रुखसत से पहले,
मैं दिल को यूँ खोलू ,
कि पलकें भिगोलू , 
लबो पर जो तेरी,
ये  जो तन्हाइयाँ है ,

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

सजदा किया करो

फिरका-परस्ती फैली है माहौल मे,

सम्हल कर रहा करो ,

खंजर है हर हाथ मे ,

बच के चला करो,

शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

मुख़्तसर कहो इकरार क्या है


      • मुख़्तसर कहो इकरार क्या है
मुख़्तसर कहो इकरार क्या है?

फकीर की फकीरी का कीमतें-बाजार क्या है?

बदलने से जुब्बा-ओ दस्तार ख्यालात नहीं बदलते,

मसनद मिले भी तो क्या हालात नहीं बदलते ,

भटकते रहो दर बदर , भटको !

बच के निकल जाने से सवालात नहीं बदलते ,