shayarikhanidilse
शायरी,गज़ल, कविता,कहानी,poetry writing
बुधवार, 10 अक्तूबर 2018
मक़ाम-ए-इश्क़
इश्क़ मे देखते
-
देखते क्या मक़ाम आया ,
बैठे थे सजदे मे
,
और जुबां पर तेरा नाम आया,
यूँ तो मरने
की चाह ना थी मेरी,
देख तेरे हाथों में खंजर
,
मरने का हसीं ख्याल आया,
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शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018
खाली तस्वीरे
चमक बिखरी है महफिल मे,
चाँद सितारे दामन मे बिखरे क्या ?
गज़ब अंदाज है अदाओ मे,
सीधे जन्नत से उतरे क्या ?
अजब सा दर्द है सीने मे,
सीधे दिल से गुजरे क्या ?
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सोमवार, 1 अक्तूबर 2018
अज़ब हालात है मेरे
अज़ब हालात है मेरे ,
कि हालत बेजुबानी है,
मुस्कुराहट है चेहरे पर ,
तो आँखों मे क्यूँ पानी है ?
रिमझिम ये जो सावन की ,
बरसता ये जो पानी है,
बादल
यूँ
जो है ग़रजे ,
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गुरुवार, 27 सितंबर 2018
नारी तेरी यही कहानी
हाय
!
नारी
तेरी
यही कहानी
,
चेहरे पर हँसी
,
नयनो
मे
पानी,
कर करे सहज ही वंदन
,
हृदय
में टीस
उठे
,
हिया करे करुण
क्रंदन,
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सोमवार, 24 सितंबर 2018
झील के किनारे
मैं जा रहा था
,
उस दिन शाम के समय टहलता
,
कुछ सोचता हुआ
,
उस झील के किनारे -किनारे,
सोच रहा था,
जिंदगी के फलसफे के बारे मे
,
जो अपनी इच्छा से नचाता है
,
इंसान को
कठपुतली बनाता है
,
कभी
हसाता है ,
कभी रुलाता है
,
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शनिवार, 22 सितंबर 2018
ग़र अज़ीज हो मेरे
रात घटाए आई थी घिर कर
,
हवाओं
मे अजब शोर था
,
वो आकर लौट गए दर से मेरे
,
हम समझे के कोई और था
,
अफसाना बन भी जाता कोई
,
कुछ मेरी बेख्याली
,
कुछ शायद रुसवाई का दौर था।
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गुरुवार, 20 सितंबर 2018
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत तो रुखसत से पहले,
मैं दिल को यूँ खोलू ,
कि पलकें भिगोलू ,
लबो पर जो तेरी,
ये
जो
तन्हाइयाँ है
,
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