सोमवार, 26 जुलाई 2021

फरेबी पर्दा

आओ तुम्हे यूँ मजबूर कर दूँ , 

दिल खोलकर रख दूँ या चूर-चूर कर दूँ ,

ले जाओ छाँटकर , हिस्सा जो तुम्हारा है,

तुम्हारी बेख्याली मे भी तुम्हे मशहूर कर दूँ।

रविवार, 25 जुलाई 2021

जीवन

या जीवन का मोल बता,

या इसको फिर अनमोल बता, 

या तो इसको तौल बता,

 या राज फिर इसके खोल बता।

बुधवार, 19 मई 2021

गुजरा ज़माना

 क्या याद नहीं तुमको , वो गुजरा ज़माना ,

वो बाते मोहब्बत की, वो अपना अफ़साना,

आँखों ही आँखों मे दिन यूँ गुज़रते थे ,

लब कुछ कहने को रुकते थे, सम्हलते थे ,

वो आहों की गर्मी, वो ख्वाबों में बिखर जाना, 

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

धरती पुत्र

                                                             

कल धरती माँ रोई होगी,

पलकें यूँ  भिगोई होगी।                       

देख अपने पुत्र की हालत,

जाने कैसे सोई होगी  ।          

सियासत का जब जोर चला,

अंधियारो का फिर शोर चला।      

शोषण की जब सरकार हुई ,

चाहु ओर हाहाकार हुई।

ग़र हक की माँगो , खाओ लाठी ,

क्यूँ व्यवस्था इतनी लाचार हुई।

जब लाठी चली बुजुर्ग के पैरो पर,

बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

दर्जे दसवें ब्याह हो गया

दर्जे दसवें ब्याह हो गया ,
खुशियाँ  धरी रही सारी।

डिबिया जलाती थी आँगन मे ,
डिबियाँ बुझी रही सारी।
गुड़िया संग खेलती वो तो ,
गुड़ियाँ धरी रही सारी।

सोमवार, 22 अक्तूबर 2018

महफ़िल मे नाम ना उछालो यूँ

महफ़िल मे नाम ना उछालो यूँ ,
इसां हूँ ,इसां ही रहने दो , 
शोहरत अकेला कर देती ,
गुमनाम हूँ ,गुमनाम ही रहने दो ,

छलकता मय का प्याला ,
छींटे उड़ा ना गैरो पर ,

शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2018

ख्वाबों की दुनिया मे रहता हूँ

ख्वाबों की दुनिया मे रहता  हूँ ,
आओ तुम्हें  कुछ ख्वाब उधारी  दे दूँ ,
चमक जाए चेहरे पर ख़ुशी  की लाली ,
ऐसी एक खुमारी दे दूँ ,
ये जो चाँद है •••