चमक बिखरी है महफिल मे,
चाँद सितारे दामन मे बिखरे क्या ?
गज़ब अंदाज है अदाओ मे,
सीधे जन्नत से उतरे क्या ?
अजब सा दर्द है सीने मे,
सीधे दिल से गुजरे क्या ?
सौदा कर भी ले नींदो का ,
चाँद सितारे दामन मे बिखरे क्या ?
गज़ब अंदाज है अदाओ मे,
सीधे जन्नत से उतरे क्या ?
अजब सा दर्द है सीने मे,
सीधे दिल से गुजरे क्या ?
सौदा कर भी ले नींदो का ,
बगावत ख्वाब करते है,
तजुर्बा कोई न करना ,
तजुर्बा कोई न करना ,
ये तबियत नासाज़ करते है,
उड़ना है तो उड़ो ऊंचा,
उड़ना है तो उड़ो ऊंचा,
ये खता ख़ास करते है,
जुम्बिश करके तो देखो ,
जुम्बिश करके तो देखो ,
चांदनी बरसेगी झरनो से,
ताज रखकर ताको पर,
ताज रखकर ताको पर,
निकले जो ज़माने मे,
गज़ब वो लोग होते है,
गज़ब वो लोग होते है,
हौसले खास रखते है,
सहमे से क्यूँ हो ,
सहमे से क्यूँ हो ,
जैसे क़यामत पास आती है ,
तुम काफ़िये मे उलझे हो ,
तुम काफ़िये मे उलझे हो ,
जान हर्फो मे जाती है,
गिरह खोल भी दो दिल की ,
गिरह खोल भी दो दिल की ,
रूह अब आजाद होने दो ,
जानी हो जाने दो हमको ,
जानी हो जाने दो हमको ,
जाम अश्को का पीने दो ,
अभी ना होश मे लाओ ,
अभी ना होश मे लाओ ,
जरा कुछ और खोने दो ,
ये आवाज कैसी है ?
टुकड़े दिल के बिखरे क्या ?
याद फिरसे कुछ आया है ,
याद फिरसे कुछ आया है ,
गली उसकी से गुजरे क्या ?
हम जुर्रत कर भी दे कोई ,
वो तसव्वुर मे खोए है ,
तसव्वुफ़ साफ झलकता है ,
हम जुर्रत कर भी दे कोई ,
वो तसव्वुर मे खोए है ,
तसव्वुफ़ साफ झलकता है ,
खाली तस्वीरों से ,
बदलते चेहरे देख कर ,
बदलते चेहरे देख कर ,
आइने रोज फिसलते है ,
हम उम्मीदों पर कायम है ,
हम उम्मीदों पर कायम है ,
वो पहलू रोज बदलते है ,
ये परछाइयाँ है गहरी,
ये परछाइयाँ है गहरी,
अश्क छुप जाएंगे इनमे ,
ये जो अब्र बरसते है,
यादे धुल जाएगी इनमे ,
उलझन उलझी अच्छी है ,
यादे धुल जाएगी इनमे ,
उलझन उलझी अच्छी है ,
सुलझाने मे रक्खा क्या ?
छोड़ो बे सर-पैर की बाते,
छोड़ो बे सर-पैर की बाते,
वाह शानदार
जवाब देंहटाएंआदरणीय उत्साह वर्धन के लिए आभार ..
हटाएंताज रखकर ताको पर निकले जो ज़माने मे,
जवाब देंहटाएंगजब वो लोग होते है,हौसले खास रखते है।
बहुत शानदार बात कही है अंकित जी
आदरणीय उत्साह वर्धन के लिए आभार ...
हटाएंशानदार साहित्य सृजन.
जवाब देंहटाएंबेहद खुबसुरत अल्फाज.
नाफ़ प्याला याद आता है क्यों? (गजल 5)
उत्साह वर्धन के लिए आभार...
हटाएंभाव गाम्भीर्य से ओतप्रोत रचना ज़िदगी की उथल -पुथल के बहुआयामी रंग अभिव्यक्त करती है.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.
बधाई एवं शुभकामनाएं.
ब्लॉग पर स्वागत है आपका। उत्साह वर्धन के लिए आभार ...
हटाएंसौदा कर भी ले नींदो का ,बगावत ख्वाब करते है,
जवाब देंहटाएंइस पथिक को आपकी यह पंक्ति भा गयी,सुंदर रचना है
सर्वप्रथम आपका हार्दिक स्वागत ,व उत्साह वर्धन के लिए सादर आभार ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंभावनाओं का उतार चढ़ाव बाखूबी बाँधा है इस रचना में ... अनेक प्रश्न और उनका जवाब ढूंढती सचाई की दास्ताँ ...
उत्साह वर्धन के लिए सादर आभार ...
हटाएंThank you, Great Job
जवाब देंहटाएंVisit Also- Share Market Tips In Hindi , Live Stock Market Tips
thanks...
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